प्रकृति

क्या है CITES और दक्षिण एशिया के लिए यह क्यों मायने रखता है?

इस साल विश्व वन्यजीव दिवस पर वैश्विक वन्यजीव व्यापार समझौते CITES की 50वीं सालगिरह है। यहां, हम बताते हैं कि यह कैसे काम करता है।
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<p dir="ltr">घड़ियाल, दक्षिण एशिया की नदी प्रणालियों के मूल निवासी मछली खाने वाला मगरमच्छ, CITES परिशिष्ट I में सूचीबद्ध है, जिसका अर्थ है कि इसे सीमाओं के पार व्यापार नहीं किया जा सकता है (फोटो: दिनोदिया तस्वीरें / अलामी)</p>

घड़ियाल, दक्षिण एशिया की नदी प्रणालियों के मूल निवासी मछली खाने वाला मगरमच्छ, CITES परिशिष्ट I में सूचीबद्ध है, जिसका अर्थ है कि इसे सीमाओं के पार व्यापार नहीं किया जा सकता है (फोटो: दिनोदिया तस्वीरें / अलामी)

CITES क्या है?

CITES एक ऐसा समझौता है जो जंगली जानवरों और पौधों की कुछ प्रजातियों की अंतरराष्ट्रीय सीमाओं के आर-पार आवाजाही को नियंत्रित करता है। CITES की वजह से ही कई हाई-प्रोफाइल वन्यजीव उत्पादों – जैसे कि बिग कैट की खाल, हाथी के दांत और गैंडे के सींग – के अंतरराष्ट्रीय वाणिज्यिक व्यापार पर प्रतिबंध लग गया है। 

साइटीज़ (या वन्य जीवों और वनस्पतियों की लुप्तप्राय प्रजातियों के अंतरराष्ट्रीय व्यापार पर कन्वेंशन) 1975 में 10 हस्ताक्षरकर्ता राज्यों (या पक्षकारों) के साथ अस्तित्व में आया। तब से, यूरोपीय संघ सहित दुनिया के लगभग हर देश ने इस पर हस्ताक्षर किए हैं। CITES के पास मौजूदा समय में 184 पार्टीज़ हैं।

CITES कितना पुराना है?

CITES 2023 में 50 साल का हो चुका है। 3 मार्च को विश्व वन्यजीव दिवस यानी वर्ल्ड वाइल्डलाइफ डे मनाया जाता है। उसी दिन वाशिंगटन डीसी में कन्वेंशन टेक्स्ट पर देशों ने सहमति व्यक्त की थी। इस साल की 50 वीं वर्षगांठ पर सहमति व्यक्त की गई।
CITES जुलाई 1975 में प्रभाव में आया, उस समय इसके 10 हस्ताक्षरकर्ता पक्ष थे, हालांकि इसकी पार्टियों की सूची तेजी से बढ़ी।

CITES एपेंडिसेस या परिशिष्ट क्या हैं?

CITES तीन परिशिष्टों या अपेंडिसेस में जंगली पौधों और जानवरों की प्रजातियों को बांटता है।

अपेंडिक्स I उन प्रजातियों के लिए है जिनके विलुप्त होने का खतरा है, और निरंतर व्यापार उनके अस्तित्व के लिए एक मौजूदा या संभावित खतरा है। इन प्रजातियों में से किसी की भी अंतरराष्ट्रीय आवाजाही या उनसे बने उत्पादों के निर्यात और आयात करने वाले दोनों देशों से परमिट की आवश्यकता होती है। कमर्शियल उद्देश्यों के लिए अंतरराष्ट्रीय व्यापार की आमतौर पर अनुमति नहीं है। अपेंडिक्स I में वर्तमान में पौधों और जानवरों की 1,082 प्रजातियां हैं।

अपेंडिक्स II में वे प्रजातियां शामिल हैं जिनके निकट भविष्य में लुप्त होने का खतरा तो नहीं है लेकिन ऐसी आशंका है कि अगर इन प्रजातियों के व्यापार को सख्त तरीके से नियंत्रित नहीं किया गया तो ये लुप्तप्राय की श्रेणी में आ सकती हैं। व्यवहार में, अपेंडिक्स II में कई अत्यधिक लुप्तप्राय प्रजातियां शामिल हैं। अब तक का यह सबसे बड़ा साइटीज़ अपेंडिक्स है, जिसमें 37,420 प्रजातियां शामिल हैं। इनमें से अधिकांश पौधे हैं। साइटीज़ के तहत इन प्रजातियों के अंतरराष्ट्रीय कमर्शियल व्यापार की अनुमति है, लेकिन निर्यात करने वाले देश से परमिट की आवश्यकता होती है। यह निर्धारित करने के बाद अनुमति दी जाती है कि अंतरराष्ट्रीय वाणिज्यिक व्यापार से निर्यात की जाने वाली प्रजातियों के अस्तित्व को नुकसान नहीं पहुंचेगा और नमूने कानूनी रूप से प्राप्त किए गए हैं।  

अपेंडिक्स III का उपयोग तब किया जाता है जब कोई खास देश, किसी खास प्रजाति के व्यापार को विनियमित करना चाहता है। अपेंडिक्स I और II में किसी प्रजाति को शामिल करने के लिए कॉप के दो-तिहाई समझौते की आवश्यकता होती है, जबकि अपेंडिक्स III में कोई देश एकतरफा प्रजातियों को जोड़ सकता है। उस प्रजाति को देश से निर्यात करने के लिए निर्यात परमिट की आवश्यकता होती है।

जंगली जानवरों और पौधों की प्रजातियों की एक भारी संख्या किसी भी CITES अपेंडिक्स में शामिल नहीं हैं।इनमें से कई प्रजातियां ऐसी हैं जो खतरे में हैं।

CITES कॉप में सभी सदस्य राज्य कन्वेंशन बुलाते हैं ताकि वो अपेंडिसेस में परिवर्तन कर सके या कोई निर्णय ले सके या इस चीज़ की समीक्षा कर सके कि कन्वेंशन को कैसे लागू किया जा रहा है।

CITES कॉप में निर्णयों और प्रस्तावों को अपनाया और संशोधित किया जाता है जो कन्वेंशन को लागू करने में पक्षकारों और साइटीज़ सचिवालय का मार्गदर्शन करते हैं। इन निर्णयों में विभिन्न वन्य जीव प्रजातियों के व्यापार और संरक्षण की स्थिति में अध्ययन और समीक्षाएं शामिल हो सकती हैं।

कन्वेंशन टेक्स्ट में पक्षकारों को कन्वेंशन को लागू करने के लिए “उचित उपाय करने” और “उसके उल्लंघन पर स्पेसिमेंस के व्यापार को प्रतिबंधित करने” की बात है। कन्वेंशन को लागू करने के लिए इन उपायों में घरेलू कानून होना, अवैध रूप से व्यापार किए गए वन्यजीवों को जब्त करना और CITES-सूचीबद्ध वन्यजीवों के अवैध व्यापार, या तस्करी को दंडित करना शामिल है।

यदि कोई देश CITES नियमों का पालन करने में लगातार विफल होता पाया जाता है, तो अन्य पक्षकारों द्वारा उस देश के लिए कुछ या सभी CITES-सूचीबद्ध प्रजातियों में व्यापार को निलंबित करने के लिए एक सिफारिश जारी किया जा सकता है।

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हिम तेंदुआ, हिमालय की एक प्रतिष्ठित प्रजाति, जिसे CITES परिशिष्ट I में सूचीबद्ध किया गया है। CITES इन प्रजातियों या इसके शरीर के अंगों में अंतर्राष्ट्रीय वाणिज्यिक व्यापार पर प्रतिबंध लगाता है। (फोटो : आलमी)

CITES दक्षिण एशिया की कौन सी प्रजातियों को सुरक्षा देता है?

दक्षिण एशिया के मूल निवासी हज़ारों पौधों और जानवरों की प्रजातियों को CITES परिशिष्ट में सूचीबद्ध किया गया है, जिसका मतलब है कि अंतरराष्ट्रीय वाणिज्यिक व्यापार या तो प्रतिबंधित है, या केवल परमिट के साथ ही इसकी अनुमति है।

CITES परिशिष्ट I पर दक्षिण एशिया के मूल निवासी प्रजातियों के कुछ उल्लेखनीय उदाहरणों में बाघ, हिम तेंदुआ, सुस्त भालू, एक सींग वाला गैंडा, एशियाई हाथी, लाल पांडा, पैंगोलिन, गंगा और सिंधु नदी डॉल्फ़िन, पश्चिमी ट्रैगोपैन, काली गर्दन वाली क्रेन, महान भारतीय बस्टर्ड और घड़ियाल शामिल हैं।

CITES परिशिष्ट II पर दक्षिण एशियाई प्रजातियों में अर्गाली, पहाड़ी मैना और टोके गेको, साथ ही सभी बंदर, तोते, उल्लू और अजगर शामिल हैं जो परिशिष्ट I पर नहीं हैं। परिशिष्ट II के पौधों में सभी ऑर्किड, जीनस डालबर्गिया के रोज़वुड और पश्चिम हिमालयी यू ट्री शामिल हैं।

CITES परिशिष्ट III में सूचीबद्ध जानवरों की आबादी में नेपाल और पाकिस्तान के ब्लैकबक, पाकिस्तान के साइबेरियन आइबेक्स और चिंकारा, नेपाल में जंगली जल भैंस, भारत में सुनहरी सियार, पाकिस्तान में धारीदार हाइना, भारत में हिमालयन मार्मोट, पाकिस्तान में मोर और रसेल वाइपर शामिल हैं। भारत में।

सीआईटीईएस के तहत विनियमित प्रजातियों की पूरी सूची कन्वेंशन की वेबसाइट पर देखी जा सकती है।

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सफेद पूंछ वाला शमा, जो दक्षिण और दक्षिण पूर्व एशिया का मूल निवासी है, जिसे 2022 में CITES CoP19 में CITES परिशिष्ट II में जोड़ा गया था (फोटो: अलामी)

CITES CoP क्यों आयोजित होता है?

CITES – या CITES CoP – के लिए पार्टियों के सम्मेलन में सदस्य राज्यों ने परिशिष्टों में परिवर्तन के बारे में निर्णय लेने के लिए और सम्मेलन को कैसे लागू किया जा रहा है, इसकी समीक्षा करने के लिए बुलाई। CITES CoP लगभग हर तीन साल में आयोजित किए जाते हैं। सबसे हालिया पुनरावृति – CITES CoP19, नवंबर 2022 में पनामा सिटी में आयोजित हुई – जिसके परिणामस्वरूप दक्षिण एशिया के मूल निवासी कई प्रजातियों के लिए नए संरक्षण प्राप्त हुए, जिनमें सोंगबर्ड्स, कछुए और शार्क शामिल हैं।

CITES CoP में निर्णय और संकल्प अपनाए जाते हैं और संशोधित किए जाते हैं, जो दिन-प्रतिदिन के आधार पर सम्मेलन को लागू करने में पार्टियों और CITES सचिवालय का मार्गदर्शन करते हैं। निर्णयों में विभिन्न वन्यजीव प्रजातियों के व्यापार और संरक्षण की स्थिति में अध्ययन और समीक्षा आयोग शामिल हो सकते हैं।

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पनामा सिटी में सत्र में CITES CoP19, नवंबर 2022 (चित्र: एरोन व्हाइट / द् थर्ड पोल)

अगर कोई देश CITES नियमों का पालन नहीं करता है तो क्या होगा?

कन्वेंशन टेक्स्ट में पक्षकारों को कन्वेंशन को लागू करने के लिए “उचित उपाय करने” और “उसके उल्लंघन पर स्पेसिमेंस के व्यापार को प्रतिबंधित करने” की बात है। कन्वेंशन को लागू करने के लिए इन उपायों में घरेलू कानून होना, अवैध रूप से व्यापार किए गए वन्यजीवों को जब्त करना और CITES-सूचीबद्ध वन्यजीवों के अवैध व्यापार, या तस्करी को दंडित करना शामिल है।

यदि कोई देश CITES नियमों का पालन करने में लगातार विफल होता पाया जाता है, तो अन्य पक्षकारों द्वारा उस देश के लिए कुछ या सभी CITES-सूचीबद्ध प्रजातियों में व्यापार को निलंबित करने के लिए एक सिफारिश जारी किया जा सकता है।

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